Computer Memory Hindi में! कंप्यूटर मेमोरी के बारे में जानने का सबसे प्रभावी तरीका कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार:
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Computer Memory Hindi में! कंप्यूटर मेमोरी के बारे में जानने का सबसे प्रभावी तरीका
Computer Memory in Hindi
What is Computer Memory in Hindi
कंप्यूटर में मेमोरी एक मनुष्य के ब्रेन की तरह हैं। इसका इस्तेमाल डेटा और इंस्ट्रक्शंस को स्टोर करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर मेमोरी कंप्यूटर में स्टोरेज स्पेस लोकेशन है, जहां डेटा को प्रोसेस किया जाता है और प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक इंस्ट्रक्शंस को स्टोर किया जाता है।
Types of Computer Memory in Hindi
कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार:
कंप्यूटर की मेमोरी को दो केटेगरीज में डिवाइड गया है:
- Primary Memory / Volatile Memory.
- Secondary Memory / Non Volatile Memory.
A) Primary Memory in Hindi
प्राइमरी मेमोरी को volatile मेमोरी भी कहां जाता हैं, क्योंकि यह मेमोरी डेटा को परमानेंटली स्टोर नहीं कर सकती।
यह प्राइमरी मेमोरी में जिस डेटा और इंस्ट्रक्शंस पर कंप्यूटर वर्तमान में काम कर रहा होता हैं, वही स्टोर होता हैं। इसकी कैपेसिटी लिमिटेड होती हैं और जब कंप्यूटर शटडाउन होता हैं तब यह सारा डेटा लॉस्ट होता हैं।
यह आमतौर पर सेमीकंडक्टर डिवाइस से बनी होती है। इसका एक अन्य नाम है – रैम (RAM)।
Characteristics of Main Memory in Hindi:
मुख्य मेमोरी के कैरेक्टरिस्टिक:
- यह मेमोरी सेमीकंडक्टर से बनी होती हैं।
- इसे main मेमोरी के रूप में जाना जाता है।
- आम तौर पर volatile मेमोरी होती हैं।
- पॉवर ऑफ होने पर डेटा लॉस्ट हो जाता है।
- यह कंप्यूटर की वर्किंग मेमोरी है।
- सेकंडरी मेमोरी से फास्ट हैं
- प्राथमिक मेमोरी के बिना कंप्यूटर चल नहीं सकता।
Random Access Memory (RAM)
RAM (Random Access Memory) यह CPU की इंटरनल मेमोरी है जो डेटा, प्रोग्राम और प्रोग्राम रिजल्ट को स्टोर करती है। यह रिड/ राइट मेमोरी है जो जब तक कंप्यूटर ऑन हैं, तब तक डेटा को स्टोर करती है।
इस मोमोरी को रैम इसलिए कहां जाता हैं, क्योकि इसमें मेमोरी लोकेशन को random सिलेक्ट किया जाता हैं। पॉवर ऑफ होने पर इसमें स्टोर डेटा लॉस्ट हो जाता हैं, इसलिए इसे volatile मेमोरी कहां जाता हैं।
Types of RAM in Hindi
रैम को निम्न टाइप में केटेगरीज किया गया है
रैम दो टाइप की है –
i) Static RAM (SRAM)
स्टैटिक वर्ड यह इंडिकेट करता हैं कि जब तक पॉवर ऑन हैं, तब तक मेमोरी में डेटा को स्टोर किया जाता हैं। हालांकि, volatile नेचर के कारण पॉवर ऑफ हो जाने पर डेटा लॉस्ट हो जाता है।
SRAM चिप्स, 6-ट्रांजिस्टर के मैट्रिक्स का उपयोग करते हैं और कैपेसिटर नहीं होता। ट्रांजिस्टर को लिकेज को रोकने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए SRAM नियमित रिफ्रेश नहीं होती।
ii) Dynamic RAM (DRAM)
SRAM के विपरीत, DRAM डेटा को मेंटेंन रखने के लिए लगातार रिफ्रेश होती हैं। यह मेमोरी को एक रिफ्रेश सर्किट पर रखकर किया जाता है जो प्रति सेकंड कई सौ बार डेटा को रि-राइट करता है।
DRAM को अधिकांश सिस्टम में यूज किया जाता है क्योंकि यह सस्ता और छोटा है। सभी DRAM मेमोरी सेल्स से बने होते हैं, जो एक कपैसिटर और एक ट्रांजिस्टर से बना होता है।
Some Other Types of RAM
कुछ अन्य RAM के टाइप भी हैं:
a) FPM DRAM:
FPM DRAM का मतलब Fast Page Mode Dynamic Random Access Memory हैं। यह मेमोरी परंपरागत DRAM की तुलना में थोड़ी फास्ट है।
इस मेमोरी में एक्सेस टाइम को इम्प्रूव किया गया हैं जैसे की यह मेमोरी के पड़ोसी लोकेशन को एक्सेस करने के लिए, रॉ एड्रेसेस को सिर्फ एक बार भेजती हैं।
b) EDO DRAM:
EDO DRAM का मतलब Extended Data Output Dynamic Random Access Memory हैं। यह FPM का इम्प्रूव वर्जन हैं, क्योकि यह FPM की तुलना में लंबे समय तक वैलिड डेटा को रख सकती है। इस फीचर के कारण, इसे extended out रूप से जाना जाता है।
1993 में इसने FPM DRAM की जगह लेना शुरू कर दिया। यह डेटा इनफॉर्मेशन के 265 bytes को स्टोर कर सकती हैं।
c) SDRAM:
SDRAM का मतलब Synchronous Dynamic Random Access Memory हैं। सिंक्रनाइज़ शब्द सिस्टम बस के साथ अपनी सिंक्रनाइज़ेशन फीचर को रेफर करता है।
इस DRAM की तरह एक स्टार्टअप सिक्वेन्स की आवश्यकता है, हालांकि DRAM में सिग्नल जनरेशन मुश्किल नहीं है। यह EDO DRAM के रूप में दोगुनी फास्ट है। SDRAM का उपयोग करने का प्रमुख डिसएडवांटेज में से एक यह है कि यह सिंगल डेटा रेट में काम करती है जो इसे प्रति क्लॉक साइकील के लिए केवल एक टास्क करने की अनुमति देता है।
d) DDR SDRAM:
DDR का मतलब Double Data Rate है। SDRAM को Single Data Rate SDRAM को अल्टरनेटिव देने के लिए पेश किया गया था। SDRAM की तुलना में इसका स्पीड बेहतर है और एनर्जी भी कम लगती हैं।
इस मेमोरी का डेटा ट्रांसफर रेट डबल हैं, क्योकि यह क्लॉक के दोनो साइड में डेटा भेजने में सक्षम है।
e) DDR2 SDRAM:
2003 में, DDR2 SDRAM का जन्म हुआ। यह डबल डाटा रेट टाइप 2 SSDRAM है। यह पहली पीढ़ी से संबंधित DDR SDRAM मेमोरी की डबल स्पीड की हैं।
DDR2 का स्टैंडर्ड 4oo से 800 या इससे भी ज्यादा के बीच होता है। DDR की तुलना में इसका परफॉरमेंस बेहतर है क्योंकि इसकी इनपुट/आउटपुट बफर वर्जन फ्रिक्वेन्सी डबल है।
f) DDR3 SDRAM:
DDR3 SDRAM मेमोरी का मतलब Double Data Rate Type 3 Synchronized Dynamic Random Access Memory हैं। इसे सन 2007 में पेश किया गया था। यह DDR2 का इम्प्रूव वर्जन हैं, क्योकि इसका स्पीड DDR2 की तुलना में डबल हैं और पॉवर खपत भी कम हैं।
यह वही है जो वर्तमान के बाजार में प्रचलित है। हालांकि, जल्द ही DDR4 द्वारा इसे रिप्लेस किया जा सकता है। इसका ट्रांसफर रेट 800 से 1600 Mbps तक होता है।
g) DDR4 SDRAM:
DDR4 SDRAM का मतलब Double Data Rate Type 4 Synchronous Dynamic Random Access Memory हैं। इसका स्पीड DDR3 की तूलना में हाई हैं। इस फिल्ड में यह नया वर्जन हैं।
यह बेहतर सिस्टम लेवल रिलायबिलिटी, कैपेसिटी, परफॉरमेंस स्कलेबिलिटी, पावर एफिशिएंसी DDR3 की तूलना में बेहतर हैं।
B) Secondary Memory in Hindi
इस टाइप की मेमोरी को external या non-volatile मेमोरी के रूप में भी जाना जाता है। यह मुख्य मेमोरी की तुलना में स्लो है। इसका डेटा/ इनफॉर्मेशन को परमानेंटली स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है।
CPU इस मेमोरी को सिधे एक्सेस नहीं कर सकता, इसके बजाए यह इनपुट-आउटपुट रूटीन के माध्यम से एक्सेस करता हैं।
इस मेमोरी के कंटेंट पहले मेन मेमोरी को ट्रांसफर किए जाते हैं और फिर CPU इसे एक्सेस करता हैं। उदाहरण के लिए, हार्ड डिस्क, सीडी-रॉम, डीवीडी आदि।
Secondary memory निम्नलिखित कंपोनेंट्स टाइप से संबंधित है।
i) Read Only Memory (ROM)
ROM का मतलब हैं Read Only Memory यह वह मेमोरी होती हैं जिसे हम केवल रिड कर सकते हैं लेकिन उसपर राइट नहीं कर समते। इस प्रकार की मेमोरी non-volatile होती है।
इन मेमोरीज में इनफॉर्मेशन को मैन्युफैक्चरिंग के दौरान स्टोर किया जाते हैं। इस मेमोरी में स्टोर इंस्ट्रक्शंस कंप्यूटर स्टार्ट करने के लिए आवश्यक होते हैं। इस ऑपरेशन को बूटस्ट्रैप के रूप में जाना जाता है।
ROM चिप्स को कंप्यूटर के साथ ही अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम जैसे वॉशिंग मशीन और माइक्रोवेव ओवन में भी किया जाता हैं।
ii) MROM (Masked ROM)
पहले रोम हार्ड-वायर्ड डिवाइस होते थे जिनमें डेटा या इंस्ट्रक्शंस का एक पूर्व-प्रोग्राम वाला संच होता था। इन प्रकार के ROM को masked ROM के रूप में जाना जाता है, जो सस्ते होते हैं।
iii) PROM (Programmable Read Only Memory)
PROM केवल रिड-ओन्ली मेमोरी है जिसे यूजर द्वारा केवल एक बार मॉडिफाइड किया जा सकता है। यूजर ब्लैंक PROM खरीदता है और फिर इसमें अपने कंटेंट को PROM program की मदद से भरता हैं।
PROM चिप के अंदर, छोटे फ़्यूज़ होते हैं जो प्रोग्रामिंग के दौरान प्रज्वलित होते हैं। इसे केवल एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है और यह मिटता नहीं है।
iv) EPROM (Erasable and Programmable Read Only Memory)
EPROM को अल्ट्रा-वायलेट लाइट में 40 मिनट तक एक्सपोज करके मिटा सकता है। आमतौर पर, यह एक EPROM इरेज़र से यह फ़ंक्शन प्राप्त किया जा है।
यह प्रोग्रामेबल रीड-ओनली मेमोरी है जिसे इरेज किया जा सकता है और पुनः उपयोग किया जा सकता है।
v) EEPROM (Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory)
EEPROM को प्रोग्राम और इरेज किया जा सकता हैं। इसे दस हज़ार बार मिटाया और रि-प्रोग्राम किया जा सकता हैं। दोनों इरेजिंग और प्रोग्रामिंग को लगभग 4 से 10ms (millisecond) लगते हैं।
EEPROM में, किसी भी लोकेशन को सिलेक्ट कर इरेज और प्रोग्राम किया जा सकता है।
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